5-Rupees kuka movement old coin price Value and jankari
भारत सरकार की टकसाल ने वर्ष 2010 मे कूका आंदोलन के सन 1857 से 2000 तक ,150 वर्ष पूरे होने पर इस अवसर पर एक ₹5 रुपए का सिक्का जारी किया था ! इस coin को भारत के प्रमुख टकसाल मुंबई मिंट कोलकाता मिंट हैदराबाद मिंट और नोएडा मिंट मे बनाया गया ! यह एक सर्कुलेटिंग कॉइन ह, जो आम लेनदेन में देखा गया ह.
इस सिक्के का वजन 6 ग्राम के होता ह. इसके का डायमीटर 23mm ह .इसकि थिकनेस 1.9 एमएम के लगभग होती hai. इसको निकल ब्रास धातु से बनाया ह. जिसके अंदर 75% तांबा. 20% जस्ता और 5% निकल धातु का इस्तेमाल हुआ हे. इस coins की एक तरफ बीच में अशोक स्तंभ का चित्र hai, जिसके नीचे सत्य मेव जयते लिखा हुआ hai ,और जिसके नीचे रुपए का सांकेतिक निशान और 5 का अंक अंकन किया hai ! बात करें किनारे की तो एक साइड में हिंदी में भारत लिखा ह ,और दूसरी ओर की साइड में इंग्लिश में इंडिया लिखा ह ,
इस coin को पलटने पर दूसरी और बीच मे एक गोल घेरे में सतगुरु राम सिंह जी का चित्र बना है! इस गोल घेरे मे अंग्रेजी में और हिंदी में सतगुरु राम सिंह जी लिखा है ,इसके ठीक नीचे 1857 से 2007 का वर्ष अंकित है, इस के नीचे इस coins को बनाने वाले मिंट का निशान है ,इसके किनारे कि एक तरफ अंग्रेजी में 150 years of kuka movement लिखा ह, और दूसरी ओर हिंदी मे कूका आंदोलन के 150 वर्ष लिखा है,
इस sikke पर वर्ष 2007 अंकित hai. लेकिन इस सिक्के को 2010 के बाद ही बनाया गया ,होगा ऐसा अनुमान hai -क्योंकि जो इसके ऊपर रुपए का सांकेतिक चिन्ह है ,उसको मान्यता वर्ष 2010 मे ही प्राप्त हुई थी. इसमें एक और सिक्का ₹100 का नॉन सर्कुलेटिंग सिक्का भी जारी किया गया था. जो गोल आकार का है. और जिसका व्यास/थिकनेस 44 M.M. होती है, जिसका वजन 35 ग्राम होता है ,जिसको बनाने के लिए मिश्र धातु का उपयोग किया गया ह, जिसमें मुख्य रूप से चांदी की मात्रा 50% होती है, तांबे की मात्रा 40% ,निकल की मात्रा 5% ,जस्तेकी मात्रा 5% से यह बनाया hai !
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इस प्रकार के sikke सामान्य प्रकृति के होते hai, जो आसानी से देखे जा सकते हैं! यानी इनमें रेयरनेस कम होती है. इसके कारण सामान्य तौर पर यह sikke- 10 से ₹25रुपय तक बेचे जाते हैं, हो सकता hai किसी सिक्के की ग्रेडिंग अच्छी हो या उसमें कुछ यूनिक हो तो, उस स्थिति मे उस सिक्के कि कीमत कुछ ज्यादा भी हो सकती है।
अक्सर बहुत से लोग पूछते हैं-कि कैसे बेचे पुराने सिक्कों को, मुझे बेचना है सिक्का ,तो उनके लिए यही उत्तर है की-
जो भी लोग अपने सिक्के बेचना चाहते हैं उनके लिए एक ही सलाह है.कि दोस्तों समय-समय पर पुराने सिक्कों के लिए एग्जिबिशन लगता है! जिसमे आप अपने पुराने सिक्के बेच सकते हे! जिनमें से दिल्ली एग्जीबिशन ,कोलकाता एग्जीबिशन ,बेंगलुरु एग्जिबिशन महत्वपूर्ण है !इसके अलावा भी कई स्थानों पर पुरानेold coins के लिए एग्जिबिशन लगता हे!
कूका आंदोलन के बारे में कुछ तथ्य कुछ जानकारी।
सिख समुदाय के लोगों में से नामधारी संप्रदाय कि जो लोग हैं .
उन्हें कुका भी कहा जाता है, इनका प्रारंभ 1840 ईसवी मैं हुआ था ।इसको शुरू करने का कार्य सेन साहब जिन्हें भगत जवाहर मल भी कहा जाता है, उन्होंने किया था .इनको बालक सिंह और उसके
अनुयायी श्री रामसिंह ने नेतृत्व किया था ! इन सिख लोगों लोगों के द्वारा सशस्त्र विद्रोह किया गया जिसे कूका विद्रोह के नाम से जाना जाता है। गुरु श्री रामसिंहजी के नेतृत्व में यह कूका
विद्रोह हुआ था। जिसने कूके लोगों ने संपूर्ण पंजाब को बाईस जिलों में अलग अलग बाँटकर अपनी समानांतर सरकार बना डाली थी। इन कूके वीरों की संख्या उस वक्त सात लाख से ऊपर बताई जाती है।
पूरी तैयारी नहीं होने के कारण अधूरी तैयारी में ही विद्रोह भड़क उठा. और इन्हीं कारण से वह दबा दिया गया।
चेतावनी -कूका आंदोलन के बारे में यह जानकारी इंटरनेट पर आधारित तथ्यों से ली गई है अतः सही और सत्य जानकारी ही मान्य होगी इसलिए इस जानकारी को पढ़ते हुए पाठक अपने विवेक से काम ले वे !